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शरद पवार कहने को तो एग्रीकल्चर मिनिस्टर है पर वह एग्रीकल्चर पर क्या कभी ध्यान देते हैं एग्रीकल्चर मिनिस्टर के पद का फायदा उठाते हुए उन्होंने कितने काम किए यह तो अब हर कोई जान रहा है कि उन्होंने इस पद का कभी भी सही इस्तेमाल नहीं किया हमेशा उन्हेांने इस पद के जरिए अन्य पदों पर आसीन रहते हुए कितने ही फायदे उठाए यह अब हिनदुस्तान की जनता के सामने आ गया है कभी वह किसी के जरिए हवाई सफर का आनंद लेते हैं तो कभी वह ए राजा के जरिए अपने निजी को टेलीकॉम का लाइसेंस दिलवाने के लिए कहते हैं यह बात नीरा राडिया दवारा सीबाई के सामने दिए गए बयान में आई है । भले ही उन्होंने इन सब बातों को मनगढंत बताया है लेकिन नीरा राडिया के बयानों में कुछ तो स्च्चाई होगी जो उन्होंने शरद पवार का नाम लिया है इस बयान से यह तो साफ पता चलता है कि उनका भी कुछ इसमें फायदा हुआ होगा तभी तो उन्होंने ए राजा से कहा और लाइसेंस दिलवा दिया। सरकार में उनका प्रभुत्व इस प्रकार कायम है तब जब भी कहीं भी बयान देते हुए नजर आते हैं कि महंगाई बढेगी तो महंगाई बढ ही जाती है इसका मतलब शरद पवार का पावर कायम ही रहता है तभी तो वह बीसीसीआई प्रेसीडेंट बन जाते हैं क्या उनके पास इतना टाइम होता है कि मंत्री परिशद संभालते हुए भी क्या वह दो जगह अपना काम संभाल सकते हैं सरकार की ऐसी क्या मजबूरी हो सकती है कि मनमोहन सिंह या सोनिया जी शरद पवार जैसे भ्रश्ट नेता की इतने विवाद की जानकारी होने के बाद भी वह उनको अपने मंत्रालय में सिरमौर बनाए हुए है। अगर ऐसा ही रहा तो जन लोकपाल बिल को गवर्नमेंट पास होने देगी या नहीं यह तो समय ही बताएगा।
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