- 43 Posts
- 17 Comments
वूमेंस् डे क्या अाया मीिडया ने इसको अपनी तरह से िदखाने के िलए हर प्रकार की तैयारी कर ली थी लेिकन िदन होते होते िदल्ली में वूमेंस डे पर रािधका तंवर को उसके िकसी जानकार ने गोली मार दी और उसकी दर्दनाक मौत हो गई मौत होते ही िफर से पूरी िदल्ली की पुिलस की उस पुल की ओर ग ितमान हो गई जैसे वह का ितल को खोज ही लेगी पर वहां की म िहला मुख्यमंत्री भी इस ओर कार्रवाई का कोई आदेश नहीं िदया जि ससे कातिल को जल्द से जल्द पकडा जा सके हमारी महिला मुंख्यमंत्री पहुंची तो वो भी एक दिन बाद लेकिन आज भी पुलिस उस खुलेआम काितल को पकडने में नाकमयाब साबित हुई और हमारे देश को वूमेंस डे तब असल व्ूमेंस डे बोला जाता जब उस काि तल को पकडकर वुमेंस डे के इस एक वीक में पकडकर सख्त से सख्त सजा िदलवाई जाती लेकिन यह कहा जाता है न कि जिस भारत देश की राश्ट्प ित महिला हो और िजस राज्य की महिला मुख्यमंत्री महिला और उसी के राश्ट्र व राज्य में वुमेंस् डे पर महिला को ही गोली मार दी जाए और उसके कातिल को पकडने के बजाय पुलिस सफाई देते नजर अाएं और बाद में वह किसी कातिल विजय सिंह को पकड लेती है पुलिस महिलाओं की सुरखा कैसे कर सकती है एक ओर हमारे देश की उस महिला को फोर्ब्स की पत्रिका में सूची में शामिल किया जाता है जहां पर वह गुलाबी गैंग बनाकर ध्रेलू हिंसा के लिए अपनी आवाज को उठाती है और उन्हें अपने तरीके से सजा िदल्ाती है क्या ऐसी महिलाओं को हर राज्य में होना चाहिए अगर राज्य में या हर जिले में हो तो पुलिस की जरुरत ही नहीं पडेगी तो पुलिस को हटाकर सिर्र्फ महिलाओ के हाथों संपत पाल जैसी महिलाओं के हाथो ंमें सत्ता न देकर सिर्फ ऐसे ही गुलाबी गैंग बनाना चाहिए ताकि हमारा देश में वूमेंस् डे पर इस प्रकार का कोई कुकत्य न करने की हिम्मत कर सके।
Read Comments